वेस्टीज नीम
इसका वृक्ष सारे भारत में बहुतायत में मिलता है। नीम तीन प्रकार का होता है। पहला सर्वत्र पाया जाने वाला, दूसरा महानीम (बकायन) , जिसमें फल गुच्छों के रूप में और पत्तियां कुछ बड़े आकार की होती हैं, तीसरा मीठा नीम,जिसकी पत्तियां कढ़ी में डाली जाती हैं।
नीम के फायदे
1. नीम के उपयोग त्वचा के लिए: स्किन को स्वस्थ और त्रुटिरहित रखने के लिए नीम काफी फायदेमंद होता है। इसमें एंटीवायरल, एंटीबैक्टीरियल और एंटी सेप्टिक प्रॉपर्टीज होती हैं जो कई स्किन प्रॉब्लम्स जैसे मुंहासे, चकत्ते, सिरोसिस और खुजली आदि को खत्म करने में मदद करती हैं। साथ ही यह घावों को भी भरता है और स्किन को किसी भी प्रकार के इन्फेक्शन या विषाक्त होने से बचाता है। इसमें उच्च स्तर के एंटीऑक्सीडेंट्स भी होते हैं जो स्किन को प्रदूषण से बचाते हैं और एजिंग को धीमा कर देते हैं।
2. नीम रूसी के लिए : नीम में एंटी फंगल और एंटीबैक्टीरियल प्रॉपर्टीज होती हैं जो बालों की रूसी को कम करने में मदद करती हैं और सर की त्वचा और बालों को स्वस्थ रखती हैं। यह सिर की खुजली और सूखेपन को भी दूर करती हैं।
3. रक्त विकार में नीम : दूषित रक्त को शुद्ध करने के लिए नीम के वेस्टीज नीम सुबह-शाम नियमित सेवन करें। यह शरीर के सभी भागों में आवश्कयक तत्त्व और ऑक्सीजन पहुंचाने में मदद करता है | रक्त की किसी भी प्रकार की समस्या से परेशान होने पर बिलकुल चिंता की जरुरत नहीं है, सभी त्वचा रोगों में इससे आश्चर्यजनक लाभ देखा गया है।
4. नीम बाल मे से जू दूर करने का उपाय : वेस्टीज नीम के बीज मे किटाणु नाशी गुण होते जिससे की सिर के जुओ को 10 दिनो में खत्म कर देता है, इसके लिए वेस्टीज नीम की गोली को नारियल के तेल में मिलकर बालो में लगाने से भी बहुत फ़ायदा मिलता है ।
5. नीम मसूड़ों के लिए :मसूढ़ो की बीमारी जैसे की मसूरों का कटना ,सूजन,खून आना,नाजूक मसुरे से दातो का हिलना आजकल आम बीमारी हो गई है। वेस्टीज नीम इसके लिए भी एक उपयोगी है।
6. मधुमेह : नीम में मौजूद यौगिक तत्त्व रक्त शर्करा को रोकने के लिए रामबाण इलाज हैं| मधुमेह कितना भी पुराना हो चुका हो या शुरूआती चरण में हो तब भी इसे लिया जा सकता है ,यह रोगी की इन्सुलिन एवं दवाइयों की आवश्यकता को धीरे - धीरे काम कर देता है | इसमें पाए जाने वाले एंटी बैक्टीरियल एवं एंटी फंगल गुणों के कारण यह मधुमेह रोगियों को होने वाली कई सामान्य बीमारियों से भी बचता है, मधुमेह रोगी बिना डॉक्टर के परामर्श के अपनी नियमित दवाओं को कभी भी बंद न करे।
7. नीम गठिया (आर्थराइटिस) का उ पचार: गठिया रोग के लिए वेस्टीज नीम की गोली को तेल में मिलकर लगाने से लाभ देखा गया है| गठिया में मरीज जिनका रोग पुराना भी हो चूका हो वह भी इसका नियमित उपयोग करके आराम प्राप्त कर सकते है।
8. नीम पेट के कीड़े : जैसा की पहले बताया गया है नीम एक एंटीबायोटिक है | पेट में कीड़े होने की अवस्था में सुबह शाम वेस्टीज नीम की आयुर्वेदक कैप्सूल्स का भी सेवन कर सकते है
9. नीम कटने या घाव होने पर: शरीर पर किसी भी प्रकार की खुली चोट या घाव होने या कटने पर वेस्टीज नीम का सेवन करने से घाव जल्दी भरता है एवं उसमे इन्फेक्शन होने की संभावना कम हो जाती है।
नीम के नुकसान
सामान्य रोगी की खुराक में नीम का उपयोग कोई विशेषनुकसान नहीं देता। लेकिन छोटे बच्चों एवं स्तन पान करानेवाली औरतों या गर्भवती महिलाओ को इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
धन्यवाद
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